सेहतमंद रहने के लिए तन और मन दोनों का स्वस्थ रहना बेहद जरूरी है, क्योंकि दोनों एक दूसरे के पूरक हैं। अगर आपको कोई शारीरिक परेशानी है तो उसका सीधा असर जहां आपके मन-मस्तिष्क पर पड़ता है, वहीं मानसिक समस्याएं भी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनो ही रूप में आपके शरीर को प्रभावित करती हैं। एंग्जायटी भी ऐसी ही एक मानसिक समस्या है जो आपकी सेहत पर काफी प्रतिकूल प्रभाव डालती है।
खासकर सुबह के समय में होने वाली एंग्जायटी न सिर्फ आपके दैनिक जीवन को प्रभावित करती है, बल्कि अगर इसे नजरअंदाज किया जाए तो यह आगे चलकर गंभीर रूप भी ले सकती है। ऐसे में समय रहते इसकी पहचान और निदान बेहद जरूरी है। हालांकि बहुत सारे लोग जानकारी के अभाव में इस समस्या से जूझते रहते हैं। इसलिए इस आर्टिकल में हम अपने रीडर्स को इस बारे में पूरी और सही जानकारी देने का प्रयास कर रहे हैं।
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बता दें कि हमने इस बारे में मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट डॉ. रितिका वर्मा से बात की है और उनसे मिली जानकारी यहां आपके साथ शेयर कर रहे हैं।
अगर आपको सुबह उठने के साथ ही तनाव महसूस होता है, मन में नकारात्मक विचार आने लगते हैं तो काफी हद तक यह मॉर्निंग एंग्जायटी का संकेत हो सकता है। ऐसी स्थिति में व्यक्ति को काम के बारे में सोचकर चिड़चिडाहट महसूस होती है और कार्यस्थल या व्यवसाय जाने का मन नहीं करता है। मन की निराशा शरीर पर भी हावी हो जाती है, जिससे थकान और कमजोरी महसूस होती है। साथ ही इस समस्या में हृदय गति भी बढ़ सकती है।
हालांकि देखने और सुनने में ये लक्षण सामान्य लग सकते हैं, पर जो व्यक्ति हर रोज सुबह इस तरह की समस्या का सामना कर रहा है उसके लिए ये किसी जानलेवा अटैक से कम नहीं है। समय रहते अगर इस समस्या पर नियंत्रण न पाया जाए तो इसके कारण मानसिक समस्याओं के साथ हृदय संबंधी गंभीर रोग भी हो सकते हैं।
मॉर्निंग एंग्जायटी अटैक के लिए कई सारे कारण जिम्मेदार हो सकते हैं, जैसे कि किसी शारीरिक समस्या के चलते हुआ बायोलॉजिकल डिसऑर्डर इसकी वजह हो सकता है। इस स्थिति में सुबह के समय में शरीर में कोर्टिसोल नाम का स्ट्रेस हार्मोन के बढ़ने के कारण तनाव और घबराहट महसूस हो सकती है। वहीं नींद पूरी न होने पर भी कोर्टिसोल का स्तर बढ़ सकता है, जिससे एंग्जायटी हो सकती है।
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इसके अलावा सुबह के समय होने वाली एंग्जायटी के लिए बाहरी परिस्थितियां भी जिम्मेदार हो सकती हैं। जैसे अगर सुबह का समय आपके लिए अधिक व्यस्तता भरा होता है तो काम के दबाव के चलते भी ऐसा महसूस हो सकता है। कार्यस्थल पर विवाद या नई नौकरी से ऊपजे तनाव के कारण भी आपको सुबह के समय घबराहट हो सकती है। कुछ लोगों में इसकी वजह जेनेटिक भी हो सकती है।
अब बात करें कि आखिर मॉर्निंग एंग्जायटी से राहत कैसे पाई जा सकती है तो अगर आपकी समस्या अधिक बढ़ चुकी है तो इसके लिए आपको किसी मनोचिकित्सक या न्यूरोलॉजिस्ट से संपर्क करना चाहिए। अगर आपने हाल फिलहाल में ही इस समस्या को महसूस करना शुरू किया है तो हमारे मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट के बताए ये टिप्स आपके काम आ सकते हैं।
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